Mango Farming: आम की खेती

Mango Farming: आम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, ये हैं उन्नत क़िस्में – important steps in mango cultivation

आम की खेती का तरीका – आम की खेती में महत्वपूर्ण कदम

लाजवाब स्वाद और मनमोहक ख़ुशबू वाले फल आम का दीवाना हर कोई है. फलों का राजा कहा जाने वाला यह फल विटामिन ए और सी से भरा हुआ होता है और इसलिए पूरे वर्ष बाज़ार में इसकी बड़ी मांग रहती है.

इसलिएअगर आप भी आम की खेती शुरू करना चाहते हैं तो यह एक अच्छा आइडिया है. आम के पेड़ कठोर प्रकृति के होते हैं और अन्य फलों के पेड़ की खेती की तुलना में इसे अपेक्षाकृत कम रख-रखाव की ज़रूरत होती है. इस लेख में हम आपको आम की उन्नत खेती की जानकारी दे रहे हैं.

आम की खेती के लिए सर्वोत्तम जलवायु

जैसा कि हमे पता है कि अन्य व्यावसायिक फलों की खेती की तुलना में आम को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, इसलिए आम की खेती कहीं भी की जा सकती हैबशर्ते वहां अच्छी बारिश हो और वातावरण शुष्क होने के साथ-साथ अधिक नमी वाला न हो. लेकिन इसके पेड़ में फूल आने के समय सर्दी या मॉनसून की तरह कम तापमान ज़रूरी होता है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए किगर्म और समशीतोष्ण जलवायु परिस्थितियां आम के पेड़ के लिए अच्छी होती हैं. आमों की अधिक संख्या प्राप्त करने के लिए 24 से 30°C के बीच का तापमान खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.

भूमि का चुनाव

जिन क्षेत्रों में चक्रवात आते रहते हैं वहां आम की खेती करने से बचना चाहिए क्योंकि इसके पेड़ बड़े आकार के होते हैं जो तेज़ हवाओं या चक्रवात से नष्ट हो सकते हैं. कई बार तेज़ हवाएं शाखाओं को बुरी तरह तोड़ देती हैं. जिससे नुक़सान होता है. यूं तो आम की खेती कई तरह की मिट्टी में की जा सकती हैलेकिन आम की खेती अधिक लवणीयक्षारीयपथरीली और पानी से भरी ज़मीन में की जाए तो सबसे अच्छा है. ठंडे और पाले के वातावरण में भी आम की खेती नहीं करनी चाहिए.

व्यावसायिक खेती के लिए आमों को मुख्य रूप से ग्राफ्टिंग विधि जैसे विनियर ग्राफ्टिंगएपिकोटाइल ग्राफ्टिंगआर्किंग ग्राफ्टिंग आदि द्वारा लगाया जाता है. अच्छी गुणवत्ता वाले आम के पेड़ को विनियर और सॉफ्टवुड ग्राफ्टिंग द्वारा कम समय में तैयार किया जा सकता है.

मैंगो ग्राफ्टिंग सीजन

आम की रोपाई वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में ही करनी चाहिए. बरसात के मौसम में पौधों के नष्ट होने का जोखिम कम होता है. बारिश का पानी पौधे के तेज़ विकास में मदद करता है. सिंचित क्षेत्र में आम की रोपाई के लिए सबसे अच्छा समय फ़रवरी से मार्च तक है.

पोषण

अगर आपकी मिट्टी उपजाऊ नहीं है तो रोपण के समय तक इसमें ज़रूरी पोषण दें. इसके लिए सबसे पहले एक गड्ढा तैयार करें. फिर इसमें लगभग 25 किलो गोबर की खाद के साथ 3 किलो सुपर फॉस्फेट और एक किलो पोटाश डालें. पंक्ति की दूरी (लगभग 10 मीटर) के साथ-साथ पेड़ की दूरी (लगभग 5 मीटर) को आम के पेड़ लगाने की सबसे अच्छी दूरी मानी जाती है. इस तरह आप आसानी से प्रति एकड़ लगभग 70 आम के पौधे लगा सकते हैं. इसके अलावाअधिक फल उत्पादन के लिए अल्ट्रा हाई-डेंसिटी आम के बागान भी लगाए जा सकते हैं. आम के पेड़ तीन साल में फल देना शुरू कर देते हैं.

सिंचाई

दूसरे व्यावसायिक फलों के पेड़ की खेती की तुलना में आम के पेड़ों को कम पानी की आवश्यकता होती है. आम की खेती के पहले वर्ष में दो से तीन दिनों के अंतराल पर आम के खेत की सिंचाई करनी चाहिए. फल देने वाले पौधे को 10-15 दिन के अंतराल पर पानी ज़रूर दें. आम के पौधों की सिंचाई ज़मीन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. इसके लिए कृषि विशेषज्ञ की सलाह लें.

आम के पेड़ लगाने की सरल विधि

सबसे पहले अपने क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त किस्म को चुनें. जैसा कि हमने बताया, आम का पौधा लगभग किसी भी मिट्टी में पनप सकता है बस भूमि अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए और ठंड से सुरक्षा के उपाय होने चाहिए. आम के पौधे को ऐसी स्थिति में लगाना चाहिए जहां उसे सूरज की रौशनी मिले. इससे फल का उत्पादन अच्छा होता है.

आम के पौधे इसके बीज से आसानी से उगाए जा सकते हैं. भूमि में गड्ढा खोदकर अंकुरित बीज को लगाएं. उसके बाद ऊपर बताए गए तरीक़ों से ज़रूरत के हिसाब से सिंचाई करते रहें. आप देखेंगे कि कुछ समय बाद इससे पत्तियां निकलने लगेंगी. देखते ही देखते आम का यह पौधा पेड़ बन जाएगा और आप इससे लाभ ले पाएंगे.

उन्नत क़िस्में

हाफूस, बंगनपल्ली, हिमसागर, मालदा, दशहरीचौसालंगड़ा आदि आम की कुछ प्रमुख क़िस्में हैं.  

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